गलती से चुन लिया गलत टैक्स रिजीम और पूरे साल नहीं बचा पाए Tax, अब आखिरी मौका मार दो चौका- ITR है तो मुमकिन है
Wrong Tax regime: हर साल इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करते वक्त, टैक्सपेयर्स के पास दो टैक्स रिजीम (Tax regime) में से एक चुनने का ऑप्शन होता है- पुराना टैक्स रिजीम (Old tax regime) और नया टैक्स रिजीम (New tax regime).
टैक्स बचाने की कोशिश पिछले साल पूरी नहीं हुई. वजह गलत टैक्स रिजीम चुन लिया था? टेंशन नहीं, अब भी आखिरी मौका है, टैक्स बचाया जा सकता है. आयकर रिटर्न (Income tax return) भरने का वक्त है, मार दो चौका. हर साल इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करते वक्त, टैक्सपेयर्स के पास दो टैक्स रिजीम (Tax regime) में से एक चुनने का ऑप्शन होता है- पुराना टैक्स रिजीम (Old tax regime) और नया टैक्स रिजीम (New tax regime). अगर आपने भी पिछले साल यही गलती की था, तो जानें अब आपको क्या करना है और टैक्स कैसे बचाएं.
पुराना और नया टैक्स रिजीम: पहले अंतर समझिए
पुराना टैक्स रिजीम: इसमें आप अलग-अलग टैक्स कटौती और छूट का फायदा उठा सकते हैं, जैसे कि धारा 80C, 80D, HRA.
नया टैक्स रिजीम: इसमें टैक्स दरें कम होती हैं लेकिन ज्यादा टैक्स कटौती और छूट नहीं मिलती हैं.
गलत टैक्स रिजीम चुनने पर क्या करें?
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ITR में सुधार करें: अगर आपको पता चलता है कि आपने गलत टैक्स रिजीम चुना था, तो आईटीआर (Revised ITR) दाखिल करते वक्त भी इसका सेलेक्शन कर सकते हैं. वहीं, अगर आयकर के वक्त भी ये छूट गया तो भी एक ऑप्शन आपकी मदद कर सकता है. संशोधित ITR फाइल करने की अंतिम तारीख आमतौर पर आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तारीख के बाद एक साल तक होती है. इसमें भी टैक्स रिजीम बदला जा सकता है.
टैक्स एक्सपर्ट की सलाह लें: टैक्स विशेषज्ञ या चार्टर्ड अकाउंटेंट से परामर्श लेना हमेशा एक अच्छा ऑप्शन होता है. वे आपको सही टैक्स रिजीम चुनने और आईटीआर, संशोधित आईटीआर दाखिल करने में मदद कर सकते हैं.
न्यू टैक्स रिजीम से ओल्ड रिजीम में आना है?
एंप्लॉयर ने जो फॉर्म 16 और TDS सर्टिफिकेट दिए हैं, उनमें आपकी टैक्स कटौती नई रिजीम के हिसाब से दिखाई गई होगी. इसका मतलब ये है कि आपने 31 मार्च तक टैक्स सेविंग के लिए, होम लोन के प्रिंसिपल और इंट्रस्ट के भुगतान और 80C के तहत निवेश समेत जो भी निवेश किया होगा, उनका जिक्र आपके फॉर्म 16 में नहीं होगा. ऐसे में आपको अपने इनकम टैक्स रिटर्न में इन सभी का ब्योरा अलग से भरना होगा. साथ ही आप जो भी छूट क्लेम करेंगे, उसके प्रूफ आपको सुरक्षित रखने होंगे, ताकि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के मांगने पर दे सकें.
कैसे मिलती है टैक्स रिजीम बदलने की छूट?
इनकम टैक्स एक्ट के जिस सेक्शन 115BAC के तहत नई टैक्स रिजीम को लागू किया गया, वही टैक्सपेयर्स को हर साल रिटर्न भरते वक्त टैक्स रिजीम चुनने की छूट देता है. ये ऑप्शन सिर्फ नौकरीपेशा के लिए होता है. CBDT ने वित्त वर्ष 2023-24 (AY 2024-25) के लिए इनकम टैक्स रिटर्न भरने वालों के लिए जो फॉर्म जारी किए हैं, उनमें टैक्सपेयर्स से पूछा गया है, “क्या आप सेक्शन 115BAC(6) के तहत दिए गए ऑप्शन को चुनकर न्यू टैक्स रिजीम से बाहर आना चाहते हैं?” इसका डिफॉल्ट जवाब "No" या ‘नहीं’ है. अगर आप पुरानी टैक्स रिजीम को चुनना चाहते हैं, तो आपको इस सवाल के जवाब में "Yes" यानी “हां” को सेलेक्ट करना होगा. इसके बाद आपकी इनकम टैक्स देनदारी ओल्ड टैक्स रिजीम के हिसाब से जोड़ी जाएगी.
07:10 AM IST